बीकानेर में चल रहे ऊंट उत्सव के कारण देसी-विदेसी सैलानियों का जमघट लगा हुआ है। राजस्थानी संस्कृति व कलाकारों-पशुओं के करतब देखकर वे हैरान हैं। यहां रविवार को ऊंट दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र पर्यटकों के लिए निशुल्क खुला रहा।
इसके बाद तक अश्व दौड़, पगड़ी बांधों, कुश्ती सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं। इसके बाद विदेशी सैलानियों के लिए पगड़ी बांधों प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ जिसमें विदेशी सैलानियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
इससे पहले शनिवार को जूनागढ़ के सामने खड़े सजे धजे ऊंट और उन पर बैठे रौबीलों का रू'आब तो दूसरी तरफ लहरिये और सोलह शृंगार से सजी गोरबंद करती महिलाओं की टोलियां निकलीं। ग्रामीण परिवेश में बैठे लोग और मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाती महिलाओं को देखकर न केवल विदेशी पावणे रोमांचित हो रहे थे, देशी पर्यटक तालियों की गड़गड़ाहट में उनका साथ दे रहे थे।
जूनागढ़ से लेकर नगर निगम तक एक एक करके निकलती इन झांकियों को देखने के लिए सड़कों पर महिलाएं, पुरुष और बच्चे एकटक खड़े रहे। उनके सामने से कभी बहरूपिये निकलते तो कभी गुजरात की वासवा होली की होली की झांकी।
यह सब नजारा था अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दौरान निकली शोभायात्रा का। जूनागढ़ से शुरू हुई इस शोभायात्रा को डेढ़ किमी दूर डॉ करणी सिंह स्टेडियम तक पहुंचते पहुंचते सवा घंटे का समय लगा। इसके बाद स्टेडियम में ऊंट नृत्य, ऊंट सज्जा, ऊंटों की फर कटिंग सहित मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिताएं हुई। स्टेडियम में भारत भूषण गुप्ता की ओर से देश में अब तक प्रचलित नोटों और सिक्कों की प्रदर्शनी लगाई गई। वहीं एसबीआई ने कैमल बैंक लगाया। इससे पहले सुबह रायसर के धोरों में कैमल सफारी हुई।
बैंड की धुन पर सुनाई दिए कबीर के दोहे
शाम को हुई सांस्कृतिक संध्या में देश के अलग अलग कोने से आए कलाकारों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित मुंबई के कबीर बैंड की प्रस्तुति रही जिसने कबीर के दोहों को बैंड की धुनों पर सुनाया। नवीन गोस्वामी ने पारम्परिक लोकगीत से शुरू हुए कार्यक्रम में पारसनाथ एंड पार्टी ने कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी।
वहीं पंजाब के कलाकारों ने स्टेडियम में भंगड़ा किया। लोक कलाकार सरा दीन लंगा गीत की प्रस्तुति दी। गुजरात का सिद्दी धमाल में सिर से नारियल को फोड़ते देख सभी हैरान हुए। गुजरात की वासवा होली नृत्य ने सांस्कृतिक विरासत का बेहतरीन नमूना प्रस्तुत किया। कबीर कैफे बैंड ,कबीर दर्शन से जुड़े दोहो को नए कलेवर में प्रस्तुत किया।
ऊंटों पर बैठे पावणे, विदेशी महिलाओं ने किया नृत्य
ऊंट उत्सव की शोभायात्रा में विदेशी पावणे रौबीलों के साथ साथ ऊंटों पर बैठे। जूनागढ़ के सामने से ऊंटों और घोड़ा गाड़ी पर बैठे पावणे ठेठ राजस्थानी अंदाज में नजर आए। वहीं विदेशी युवतियों ने स्टेडियम में कालबेलिया नृत्य सहित कई तरह की देशी नृत्यों में भागीदारी निभाई। शोभायात्रा में शामिल इंग्लैंड के लुइस तो ऊंटों की सवारी करके रोमांचित हो उठा। वहीं उसकी साथी क्रिस्टिना लुइस ने ऊंट द्वारा पालक की गर्दन पकड़ने का करतब देखा तो उसके मुंह से निकला वाव।